प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो छात्रों और अभिभावकों को राहत पहुंचाएंगी।
आजकल कई बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। यदि आपके बच्चे भी इनमें शामिल हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। अक्सर अभिभावकों को ऐसी जानकारी नहीं होती, जिससे वे नुकसान उठाते हैं। प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस वसूलते हैं और किताबें, ड्रेस, जूते आदि के लिए ज्यादा पैसे लेते हैं। अब सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर इस पर रोक लगाई है।
सरकार को प्राइवेट स्कूलों की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए 10 नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इनमें फीस बढ़ाने पर रोक भी शामिल है। स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी तरह की अतिरिक्त फीस वसूलना अब गैरकानूनी होगा। ऐसी वसूली को वापस करना होगा।
बड़े स्कूलों ने की मनमानी
शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस आने से पहले ही दौसा शहर और जिले के कई बड़े स्कूलों ने मनमानी की है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अभिभावकों पर दबाव डालकर नए सत्र की महंगी किताबें बेच दी हैं और आगामी तीन महीनों की फीस भी वसूल ली है। इस गाइडलाइंस का प्रभाव छोटे निजी स्कूलों पर पड़ेगा, जिनका शिक्षण सत्र मुख्यतः 1 जुलाई से शुरू होता है।
गाइडलाइंस के अनुसार, तीन साल तक फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी। प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग का आयोजन अनिवार्य होगा और अनुमोदित फीस को पीएसपी पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी होगा।
गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन अनिवार्य है।
- स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन हो।
- कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और मोबाइल नंबर राजस्थान प्राइवेट स्कूल पोर्टल (पीएसपी) पर अपडेट हों।
- अनुमोदित फीस को पीएसपी पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है।
- अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी प्रकार का शुल्क वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ है।
- ऐसे में स्कूल प्रशासन को फीस के नाम पर की गई वसूली को स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को लौटाना होगा।
- स्कूल स्तरीय फीस कमेटी से निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी, केवल कुछ समय के लिए नहीं।
- प्राइवेट स्कूल जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई आदि से मान्यता प्राप्त हैं:
- उनके नियमों और उप-नियमों का पालन करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा।
- लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ, शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है ताकि पेरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सकें।
- प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस का शत-प्रतिशत पालन होना चाहिए।
- प्राइवेट स्कूलों में फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों की पालना अनिवार्य है।
- स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों की त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए।
निजी विद्यालयों को उनके शिक्षा बोर्ड के नियमों का पालन करना होगा और पाठ्य पुस्तकों की सूची, लेखक, प्रकाशक और मूल्य सहित, नोटिस बोर्ड या वेबसाइट पर कम से कम एक महीने पहले प्रदर्शित करनी होगी ताकि अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार खुले बाजार से सामग्री खरीद सकें।
पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई बेल्ट आदि की बिक्री के लिए विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। विशेष योग्यजन (दिव्यांग) विद्यार्थियों और छात्राओं के लिए विशेष प्रावधानों का भी पालन सुनिश्चित करना होगा।
छात्रों पर मानसिक या शारीरिक दंड से संबंधित शिकायतों पर संवेदनशीलता से त्वरित कार्यवाही की जाएगी। सभी प्राइवेट स्कूल नियत अंतराल पर शिक्षक-अभिभावक बैठक (PTM) आयोजित करेंगे ताकि स्कूल से संबंधित समस्याओं और छात्र की प्रगति के बारे में अभिभावक और शिक्षक के बीच समन्वय स्थापित हो सके। इन बैठकों का विवरण संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा जाएगा।
सभी अद्यतन सूचनाएं स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। किसी भी शिकायत पर देरी होने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी और विभागीय नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।